दहेज प्रथा के बारे में जानें पूरी जानकारी, आखिर क्यों अभी भी समाज में मौजूद है ये प्रथा। Dowry System Facts in Hindi

दहेज प्रथा अभी भी समाज में जिंदा

दहेज प्रथा (Dowry System) के बारे में तो आजकल लगभग सभी लोग जानते हैं. इसके साथ ही आपको बता दें कि देश तो आधुनिक बन चुका है. लेकिन आज भी देश में कई ऐसी जगह हैं जहां पर कुछ प्रथाएं आज ही मौजूद हैं जिन्हें काफी समय पहले ही बैन कर दिया गया था. जी हां दरअसल आपको बता दें कि दहेज प्रथा समाज में एक कुरीती है जिसे समाज में कोई जगह नहीं देनी चाहिए लेकिन आज भी कहीं न कहीं ऐसा मामला सामने आ जाता है जो इंसान को अंदर से झंकझोर देता है. इसीलिए आज HAPPY TO ADVISE के इस लेख में हम आपको दहेज प्रथा से जुडी सारी जानकारी देने जा रहे हैं और यह भी बताएंगे कि क्यों आज भी इस प्रथा को पूरी तरह से नहीं खत्म किया जा सका है. इसीलिए इस लेख को अंत तक जरुर पढ़ें.


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इस लेख में शामिल

  1. दहेज प्रथा क्या है.
  2. दहेज प्रथा अभी भी समाज में जिंदा
  3. दहेज प्रथा समाज के लिए अभिशाप
  4. दहेज प्रथा के लिए कानून
  5. अक्सर पूछे जाने वाले सवाल। FAQs

 

दहेज प्रथा क्या है। What is Dowry System

अब आपको बता दें कि आखिर ये दहेज प्रथा है क्या, तो आइए जानते हैं विस्तार से. दरअसल आपको बता दें कि दहेज प्रथा एक ऐसी प्रथा है जिसमें दुल्हन के परिवार को दूल्हे के परिवार के लिए नकदी के रूप में उपहार देने और कीमती चीजें देना भी शामिल है. इसके साथ ही ये समाज में काफी हद तक फैली हुई है. हालांकि इसकी काफी निंदा भी की जाती है. लेकिन इसके बावजूद इस प्रथा से आयदिन कोई न कोई पीड़ित सामने आता ही है. इसके साथ ही आपको बता दें कि कई दंपति इन दिनों स्वतंत्र रूप से रहना पसंद करते हैं और उनको दहेज में मिली ज्यादातर नकदी, फर्नीचर, कार और अन्य ऐसी संपत्तियां शामिल हैं जो उनके लिए वित्तीय सहायता के रूप में काम करती हैं और उन्हें अपना नया जीवन शुरू करने में मदद करती हैं. शादी के वक़्त दोनों दूल्हा और दुल्हन अपना कैरियर शुरू करते हैं और वे आर्थिक रूप से इतने अच्छे नहीं होते कि वे इतने ज्यादा खर्चों को एक बार में वहन कर सकें. अगर ऐसा है तो दुल्हन के परिवार पर पूरा बोझ डालने के बजाए दोनों परिवारों को उन्हें बसाने में निवेश करना चाहिए.

 

दहेज प्रथा अभी भी समाज में जिंदा। Dowry System Still Alive in Society

आपको बता दें कि दहेज प्रथा आज ही समाज के किसी कोने में जिंदा है. इसके साथ ही इस प्रथा के कई शिकार आज भी सुनने में आ जाते हैं. आपको बता दें कि इसके ज्यादातर मामले ग्रामीण अंचलों में देखने को मिलते हैं.

  1.  आपको बता दें कि दुल्हन के परिवार की स्थिति का अनुमान दूल्हे और उसके परिवार को गहने, नकद, कपड़े, संपत्ति, फर्नीचर और अन्य परिसंपत्तियों के रूप में उपहार देने से लगाया जाता है. साथ ही इसे एक परंपरा का नाम दिया गया है जिसके आढ़ में दहेज प्रथा आज ही समाज में जिंदा है.
  2.  इसके साथ ही आपको बता दें कि दहेज प्रथा एक प्रतिष्ठा का प्रतीक भी माना जाता है. जो परिवार दूल्हे के परिवार को बड़ी कार और ज्यादा नगदी देता है उसे समाज में ज्यादा अच्छा माना जाता है.
  3.  इसके साथ ही आपको बता दें कि दहेज प्रथा के खिलाफ सख्त कानून के अभाव के चलते भी इस प्रथा को बंद नहीं किया जा सका है.

 

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दहेज प्रथा समाज के लिए अभिशाप। Dowry System A Curse To Society

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दहेज प्रथा समाज के लिए एक अभिशाप माना जाता है. दहेज दुल्हन के परिवार द्वारा दूल्हे और उसके परिवार को नकद, संपत्ति और अन्य संपत्तियों के रूप में उपहार देने की प्रथा है जिसे वास्तव में महिलाओं, विशेष रूप से दुल्हनों, के लिए शाप कहा जा सकता है.

  1.  दहेज प्रथा से लड़की वाले परिवार पर जबरन आर्थिक बोझ डाला जाता है. जो किसी भी तरह से सही नही है. क्योंकि समाज में लड़के और लड़की दोनों को एक समान का दर्जा दिया गया है.
  2.  छोटी सोच के चलते भी दहेज प्रथा को नष्ट नहीं किया जा सका है. किसी के घर बेटी पैदा होते ही वह इंसान हर संभव तरीके से पैसा जमा करने लगता है जिससे समाज में भ्रष्टाचार भी पैदा होता है.
  3.  साथ ही इस प्रथा से लड़कियों का शारिरिक शोषण भी होता है. अगर कोई कम दहेज देता है तो लड़की को अपने ससुराल में कई तरहों से प्रताणित किया जाता है.
  4.  दहेज प्रथा के चलते कन्या भ्रूण हत्या भी समाज में पैदा होती है.

 

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दहेज प्रथा के लिए कानून। Law for Dowry System

आपको बता दें कि दहेज प्रणाली भारतीय समाज में सबसे जघन्य सामाजिक प्रणालियों में से एक है. इसने कई तरह के मुद्दों जैसे कन्या भ्रूण हत्या, लड़की को लावारिस छोड़ना, लड़की के परिवार में वित्तीय समस्याएं, पैसे कमाने के लिए अनुचित साधनों का उपयोग करना, बहू का भावनात्मक और शारीरिक शोषण करने को जन्म दिया है. इस समस्या को रोकने के लिए सरकार ने दहेज को दंडनीय अधिनियम बनाते हुए कानून बनाए हैं.

  1.  दहेज प्रथा को रोकने के लिए दहेज निषेध अधिनियम,1961 बनाया गया है. इस नियम के तहत दहेज लेते हुए पकड़ जाने पर कम से कम 5 वर्षों की सजा और करीब 15 हजार रुपए न्यूनतम जुर्माना लगाया जा सकता है.
  2.  इसके साथ ही घरेलु हिंसा अधिनियम 2005 भी बनाया गया है जिससे महिलाओं पर होते हिंसा से निपटा जा सके. इस नियम के तहत अगर कोई भी व्यक्ति दहेज के लिए शारिरिक या मानसिक प्रताड़ना देता है तो इस नियम के तहत आपको कड़ी सजा हो सकती है.

 

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल। FAQs

प्रश्न. दहेज प्रथा को रोकने के लिए सबसे अच्छा उपाय क्या है.
उत्तर:
आपको बता दें कि दहेज प्रथा को रोकने के लिए शिक्षा और बच्चों की अच्छी परवरिश ही सबसे अच्छा उपाय है.

प्रश्न. दहेज प्रथा देश के किस राज्य में सबसे ज्यादा मौजूद है.
उत्तर:
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सबसे ज्यादा दहेज प्रथा देश के केरल राज्य में देखने को मिल जाता है.

प्रश्न. दहेज प्रथा से सबसे ज्यादा मौत किस राज्य में होती है.
उत्तर:
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दहेज प्रथा से सबसे ज्यादा मौत देश के उत्तर प्रदेश में होती है.

 

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Author: Arora

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